इन आठ पुष्पों से भगवान तुरंत प्रसन्न होते हैं । वे आठ पुष्प इस प्रकार हैं :-
(1) इन्द्रियनिग्रह : व्यर्थ देखने, सूँघने, सोचने, इधर-उधर व्यर्थ जगह पर भटकने की आदत को रोकना इसको कहते हैं इन्द्रियनिग्रहरूपी पुष्प ।
(2) अहिंसा : मन-वचन-कर्म से किसीको दुःख न देना ।
(3) निर्दोष प्राणियों पर दया : मूक एवं निर्दोष प्राणियों को न सताना । दोषी को अगर दंड भी देना हो तो उसके हित की भावना से देना ।
(4) क्षमारूपी पुष्प ।
(5) मनोनिग्रह (शम) : मन को एक जगह पर लगाने का अभ्यास करना, एकाग्र करना ।
(6) ध्यान: भगवान का ध्यान करना ।
(7) सत्य का पालन ।
(8) श्रद्धा : भगवान और भगवान को पाये हुए महापुरुषों में दृढ़ श्रद्धा रखना ।