Chaitra Navratri 2024: Its Mantra and Rituals | चैत्र नवरात्रि (9अप्रैल से 17 अप्रैल 2024)

Chaitra Navratri (9 April to 17 April 2024) / चैत्र नवरात्रि

Mother Brahmacharini is worshipped on the second day of Chaitra Navratri. Maa Brahmacharini is a symbol of Brahma Shakti i.e. the power of penance. Worshiping her increases the devotee’s power to do penance. Also, all the desired tasks are completed.

नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं । इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है । साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं ।

Chaitra Navratri 2024
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On the second day of Chaitra Navratri, i.e. offer sugar to Mother Durga. This increases life span.

Lakshmi Prapti Sadhana

Rare mantra for the best Lakshmi Prapti by chanting in Navratri described in Shrimad Devi Bhagwat.

Lakshmi – is attained by chanting mantras in Navratri. With this mantra, Lakshmi becomes Mahalakshmi and gives enjoyment and salvation.

नवरात्रि में मंत्र जप से श्रेष्ठ लक्ष्मी – प्राप्ति होती है । इस मंत्र से लक्ष्मी जी महालक्ष्मी होकर भोग और मोक्ष देनेवाली बनती है ।

Mantra – “Om Shreem Hreem Kleem Aim Kamalavasinye Swaha” / मंत्र – “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”

Vyas ji said that if you chant, worship and fast for these three days on Saptami, Ashtami and Navami, you will get the fruits of Navratri. This mantra is for the worship of Shakti and for the happiness of the mother by observing celibacy, lighting a lamp and doing pranayama etc.

Om is a Beej Mantra, it is very powerful. Shreem is also a Beej Mantra. Hreem is also a Beej Mantra. Kleem is also a Beej Mantra. Aim is also a Beej Mantra. There are 5 Beej Mantras in it.

ॐ बीज मंत्र है, बड़ा शक्तिशाली है । श्रीं भी बीज मंत्र है । ह्रीं भी बीज मंत्र है । क्लिं भी बीज मंत्र है । ऐं भी बीज मंत्र है । इसमें 5 बीज मंत्र है ।

In these Beej Mantras, there are many divine powers hidden and these Beej Mantras will sensitize and influence the centers inside you.

Chaitra Navratri Day 3

Maa Chandraghanta is worshipped on the third day of Chaitra Navratri. She is the embodiment of Goddess Shakti. There is an hourglass shaped crescent moon on her forehead, that is why she is called Chandraghanta Devi.

नवरात्रि की तृतीया तिथि यानी तीसरा दिन माता चंद्रघंटा की पूजा कि जाती है । यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप हैं । इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है ।

In the battle with the Asuras, Goddess Chandraghanta destroyed the Asuras with the Bell Tank. They are worshipped on the third day of Chaitra Navratri. By worshiping them, the seeker automatically attains the awakening powers of Manipur Chakra and gets freedom from worldly sufferings.

असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश किया था । नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है । इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है ।

On the third day of Tritiya, offer milk to Goddess Durga. This gives freedom from sorrows./ तृतीया तिथि यानी की तीसरे दिन को माता दुर्गा को दूध का भोग लगाएं । इससे दुखों से मुक्ति मिलती है ।

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Chaitra Navratri Day 4

chairta navratri
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The main goddess of the Chaturthi Tithi of Navratri is Maa Kushmanda. Goddess Kushmanda destroys diseases instantly. Devotees who worship her get wealth and property as well as good health. This fourth form of Maa Durga, Kushmanda, produced the cell i.e. the universe from her abdomen. This is why this form of Durga was named Kushmanda.

नवरात्रि की चतुर्थी तिथि की प्रमुख देवी मां कूष्मांडा हैं । देवी कूष्मांडा रोगों को तुरंत नष्ट करने वाली हैं । इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है । मां दुर्गा के इस चतुर्थ रूप कूष्मांडा ने अपने उदर से अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न किया । इसी वजह से दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कूष्मांडा पड़ा ।

By worshipping Maa Kushmanda, the Anahat Chakra of our body is awakened. By worshipping her, all our diseases and sorrows are removed. Along with this, devotees get age, fame, strength and health as well as all material and spiritual happiness.

मां कूष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्रजागृत होता है । इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग व शोक दूर हो जाते हैं । साथ ही, भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं ।

On the fourth day of Chaitra Navratri i.e. Chaturthi Tithi, offer Malpua to Mother Durga. This ends the problems./नवरात्रि के चौथे दिन यानी चतुर्थी तिथि को माता दुर्गा को मालपुआ का भोग लगाएं । इससे समस्याओं का अंत होता है ।

Chaitra Navratri Day 5

According to religious scriptures, Skandamata is worshipped on the fifth day of Chaitra Navratri. Skandamata provides happiness and peace to the devotees. The fifth form of Maa Durga is known as Skandamata because she is the mother of Lord Skanda, the commander of the Devasur war.

धर्म शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की पंचमी तिथि को स्कंदमाता की पूजा की जाती है । स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करनेा वाली हैं । देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जानते हैं ।

On the fifth day of Chaitra Navratri, i.e. Panchami Tithi, offer bananas to Maa Durga and donate bananas to the poor. This will bring happiness and peace in your family.

पंचमी तिथि यानी नवरात्रि के पांचवे दिन माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं व गरीबों को केले का दान करें । इससे आपके परिवार में सुख-शांति रहेगी ।

Chaitra Navratri Day 6

On the sixth day of Chaitra Navratri, it is customary to worship the Katyayani form of Adishakti Durga. Pleased with the penance of Maharishi Katyayani, Adishakti took birth as his daughter. That is why she is called Katyayani.

नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर आदिशक्ति दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करने का विधान है । महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था । इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं ।

She is worshipped and revered on the sixth day of Chaitra Navratri. By worshipping Mata Katyayani, the seeker automatically attains the siddhis of Ajna Chakra awakening. He becomes endowed with supernatural brilliance and influence even while being in this world and his diseases, grief, anguish, fear etc. are completely destroyed.

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नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा और आराधना होती है। माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रृति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं । वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं ।
On the sixth day of Chaitra Navratri, i.e. the sixth day, offer honey to Mata Durga. This creates the possibility of getting financial benefits.

नवरात्र की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं । इससे धन लाभ होने के योग बनते हैं ।

Chaitra Navratri Day 7

The seventh form of Mahashakti Maa Durga is Kaalratri. Maa Kaalratri is worshipped on the seventh day of Chaitra Navratri. While worshipping Maa Kaalratri, the devotee should focus his mind on Bhanu Chakra (forehead i.e. middle of the head).

महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि । नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है । मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र ( ललाट अर्थात सिर के मध्य ) पर स्थित करना चाहिए ।

As a result of this worship, the powers of Bhanu Chakra are awakened. By worshipping Maa Kaalratri, every kind of fear of our mind is destroyed. We get the power to solve every problem of life in a moment. Maa Kaalratri, who destroys enemies, gives victory to her devotees in every situation.

इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं । मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है । जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है । शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।

On the seventh day of Chaitra Navratri, i.e. on the seventh day, offer jaggery to Maa Durga. This can fulfill every wish.

नवरात्रि की सप्तमी तिथि यानी सातवें दिन माता दुर्गा को गुड़ का भोग लगाएं । इससे हर मनोकामना पूरी हो सकती है ।

Chaitra Navratri Day 8

On the eighth day of Chaitra Navratri, Maa Mahagauri is worshipped. The eighth form of Adishakti Shri Durga is Shri Mahagauri. The Somchakra is awakened by worshipping Shri Mahagauri and the devotee receives all the powers related to this chakra. When Maa Mahagauri is pleased, the devotees automatically receive all the happiness.

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है । आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं । श्री महागौरी की आराधना से सोमचक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती है । मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं ।

Cheti Chand – 10 April 2024

Chaitra Sud Duj Cheti Chand festival is on Wednesday, 10 April 2024. On that day, offer Arghya to the moon while chanting mantras. Make this auspicious resolution in your mind that, my mind should remain calm, engaged in devotion. Attached to the feet of the Guru.

10 अप्रैल 2024 बुधवार को चैत्र सुद दूज चेटीचंड पर्व है । उस दिन रात को चंद्रमा को मंत्र बोलते हुए अर्घ्य दें । मन ही मन यह शुभ संकल्प करें कि, मेरा मन शांत रहे, भक्ति में लगे । गुरु चरणों में लगे ।
मंत्र : ॐ बालचन्द्रमसे नमः (3 बार)

Mantra: Om Balchandramse Namah (3 times)

What is Mantra of Chaitra Navratri?

Mantra – “Om Shreem Hreem Kleem Aim Kamalavasinye Swaha”

चैत्र नवरात्रि का मंत्र क्या है?

मंत्र – “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”

Who is worshipped in Chaitra Navratri?

Mother Brahmacharini is worshipped on the second day of Navratri. Goddess Brahmacharini is a symbol of Brahma Shakti i.e. the power of penance.

चैत्र नवरात्रि में किसकी पूजा की जाती है?

नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं । इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है । साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं ।

Who is Maa Katyayani?

On the sixth day of Navratri, it is customary to worship the Katyayani form of Adishakti Durga. Pleased with the penance of Maharishi Katyayani, Adishakti took birth as his daughter. That is why she is called Katyayani.

Who is Maa Kushmanda?

The main goddess of the Chaturthi Tithi of Navratri is Maa Kushmanda. Goddess Kushmanda destroys diseases instantly. Devotees who worship her get wealth and property as well as good health. This fourth form of Maa Durga, Kushmanda, produced the cell i.e. the universe from her abdomen. This is why this form of Durga was named Kushmanda.

Who is Skandamata ?

Skandamata is worshipped on the fifth day of Navratri. Skandamata provides happiness and peace to the devotees. The fifth form of Maa Durga is known as Skandamata because she is the mother of Lord Skanda, the commander of the Devasur war.

Who is Maa Brahmacharini?

Mother Brahmacharini is worshipped on the second day of Navratri. Goddess Brahmacharini is a symbol of Brahma Shakti i.e. the power of penance.

Who is Maa Chandraghanta?

Maa Chandraghanta is worshipped on the third day of Navratri. She is the embodiment of Goddess Shakti. There is an hourglass shaped crescent moon on her forehead, that is why she is called Chandraghanta Devi.

Who is Maa Kaalratri?

The seventh form of Mahashakti Maa Durga is Kaalratri. Maa Kaalratri is worshipped on the seventh day of Navratri.

What is the mantra for lakshmi prapti?

Rare mantra for the best Lakshmi Prapti by chanting in Navratri described in Shrimad Devi Bhagwat. Lakshmi – is attained by chanting mantras in Navratri. With this mantra, Lakshmi becomes Mahalakshmi and gives enjoyment and salvation. Mantra – “Om Shreem Hreem Kleem Aim Kamalavasinye Swaha” / मंत्र – “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”

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